रुतबा मेरे सर को तेरे संविधान से मिला है
ये सम्मान भी मुझे तेरे संविधान से मिला है
औरो को जो मिला है वो मुकदर से मिला है
हमें तो मुकदर भी तेरे संविधान से मिला है
*ना ‘जिंदगी’ की खुशी* ना ‘मौत’ का गम*
*जब तक है..दम..*”जय भीम” कहेंगे हम….!!!*
#Sachin
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